विज्ञान-प्रौद्योगिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नामक इस विषय-वस्तु के अन्तर्गत विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा इन दोनों के परस्पर सम्बन्धों एवं अन्तःक्रियाओं पर विचार किया जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं, विज्ञान के विकास से प्रौद्योगिकी का विकास होता है क्योंकि बहुत सारी प्रौद्योगिकियाँ वैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित होतीं हैं किसी देश का आर्थिक विकास उस देश में मौजूद तकनीकी अवस्था पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का स्तर आर्थिक वृद्धि का महत्वपूर्ण विशेषण विवरण है। वृद्धि की तीव्र दर तकनीक के उच्चस्तर द्वारा प्राप्त की जा सकती है। वास्तव में, प्रौद्योगिकी को आर्थिक विकास का आरम्भिक साधन माना जा सकता है तथा विभिन्न तकनीकी परिवर्तन अल्प विकसित देशों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं आधुनिक प्रौद्योगिकी को अनुप्रयुक्त भौतिकी माना जाता है क्योंकि प्रौद्योगिकी में भौतिकी के नियमों एवं सिद्धान्तों का उपयोग करके अनेक प्रकार के यंत्र, उपकरण एवं कार्यनीति युक्ति का निर्माण किया गया है। उनमे से कुछ इस प्रकार है -
- प्रिंटिंग प्रेस - केक्सटन (1455)
- बैरोमीटर -टोरिसेली (1644)
- स्टीम इंजन -जैम्स वाट (1769)
- टेलीफोन -एलेक्जेंडर ग्राहम बैल (1876 )
- बॉल पेन -जान जे लाउड (1888)
- जेट इंजन - सर फ्रैंक विटल (1939)
विज्ञान
विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान से हैं मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं के लिए जो नए-नए आविष्कार किए हैं, वे सब विज्ञान की ही देन हैं आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के अनगिनत आविष्कारों के कारण मनुष्य का जीवन पहले से अधिक आरामदायक हो गया है। दुनिया विज्ञान से ही विकसित हुई हैं। किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी ग्रहण करना, वस्तु के बारे में विस्तृत ज्ञान और जानकारी को सही तरीकों से लागू करना एवं किसी भी वस्तु का सही अवलोकन करना एवं उसका विश्लेषण करना ही विज्ञान है विज्ञान का इतिहास से तात्पर्य विज्ञान व वैज्ञानिक ज्ञान के ऐतिहासिक विकास के अध्ययन से है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक सिद्धांत-विधि विज्ञान का वास्तविक ज्ञान है। प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के व्यवस्थित रूप में अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने को ही विज्ञान कहा जाता है | यहाँ 'विज्ञान' के अन्तर्गत प्राकृतिक विज्ञान व सामाजिक विज्ञान दोनों सम्मिलित हैं।
(1) समाजिक विज्ञान -
(Social science) सामाजिक विज्ञान मानव समाज का अध्ययन करने वाली विद्या विषयक है। प्राकृतिक विज्ञानों के अतिरिक्त अन्य विषयों का एक सामूहिक नाम है 'सामाजिक विज्ञान'। इसमें नवविज्ञान, पुरातत्व, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधि, भाषाविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और संचार आदि विषय सम्मिलित हैं। कभी-कभी मनोविज्ञान को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है |
(2) प्राकृतिक विज्ञान -
(1) भौतिक विज्ञान -
यह विज्ञान की की ऐसी शाखा है जिसमे द्रव तथा ऊर्जा और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं के विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है। विज्ञानं प्राकतिक घटनाओ को समझने का प्रयास है सभी संस्कृतियों के लोग विज्ञानं में योगदान देते है वैज्ञानिक ज्ञान स्थायी चरित्र हे वैज्ञानिक ज्ञान अवलोकन प्रयोगात्मक प्रमाण तर्कसंगत तर्क और संदेह पर पूरी तरह से निर्भर करता है |
(2) रसायन विज्ञान-
रसायन विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है, जिसके अन्तर्गत पदार्थो के गुण ,संघटक ,संरचना तथा उनमे होने वाले परिवर्तन का अध्ययन किया जाता हैं रसायन विज्ञान शब्द की उत्पत्ति मिस्र के प्राचीन शब्द कीमिया (chemea) से हुई हैं , इसका मतलब काला रंग से हैं | मिस्र के लोग काली मिटटी को केमि (chemi) कहते थे और आरम्भ में रसायन विज्ञान के अध्ययन को केमिटेकिंग (chemeteching ) कहा जाता था इसका अर्थ chemistry से है | रसायन विज्ञान के जनक लेवायसिये (lavoisier ) को माना जाता हैं | यह एक भौतिकविज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं,अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या उपयोग किये गये ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है, जिसमे पदार्थ के गुण, संगठन, संरचना और उन क्रियाओ का अध्ययन किया जाता है जिनमे पदार्थ के गुण, संगठन व संरचना में परिवर्तन आता है, रसायन विज्ञान कहलाता है। पदार्थों का संघटन परमाणु कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉनऔर न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, पदार्थविज्ञान, भौतिकीविज्ञान, खगोलविज्ञान,भू-विज्ञान ,और जीवविज्ञान को जोड़ता हैं |
(3) जीव विज्ञान -
जीवविज्ञान प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है। जीवविज्ञान (biology-bio )का अर्थ हैं -जीवन (life ) और logos का अर्थ (study )अध्ययन इसका अर्थ जीवन का अध्ययन ही ( biology ) कहलाता हैं | यह विज्ञान की वहा शाखा हैं , जिसके अधीन जीवधारियों का अध्ययन किया जाता हैं | विज्ञान जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है। इस विज्ञान में हम जीवों की संरचना, कार्यों, विकास, प्रवर्तन, पहचान, वितरण एवं उनके वर्गीकरण के बारे में पढ़ते हैं। आधुनिक जीव विज्ञान एक बहुत विस्तृत-व्यापक विज्ञान है, जीव विज्ञान की कई शाखाएं है, जिसके अन्तर्गत सजीवों के उत्पति वर्द्धि विकास कार्य संरचना और क्रियाओ का अध्ययन करते हैं | जिन वस्तुओं की उत्पत्ति किसी विशेष वास्तविक जातीय प्रक्रिया के फलस्वरूप होती है, जीव कहलाती हैं | जीव विज्ञान का पिता अरस्तू को मना जाता है क्योंकि उन्होंने ही पहली वार जीवों की आलोचना और आकार आकृति के आधार पर वर्गीकृत किया जिसके बाद जीवों का अध्ययन करने में आसानी हुई | जीव विज्ञान 'बायलोजी' शब्द का प्रयोग सबसे पहले लैमार्क और ट्रविरेनस नाम के वैज्ञानिकों ने 1801 ई० में किया।
जब हमने विकसित देशों के विभिन्न वैज्ञानिक विचारों को अपनाया तो हमारे देश को विकसित करने के लिए विज्ञान के क्षेत्र में आने पर भारतीय वैज्ञानिकों ने भी दुनिया की ओर बड़ा योगदान रहा। इनमें से कुछ वैज्ञानिक, होमी भाभा, सी.वी. रमन, सत्येंद्र नाथ बोस, मेघनाद साहा, एसएस अभ्यंकर, बीरबल साहनी, प्रसन्ना चंद्र महालनोबिस है। विज्ञान और वैज्ञानिक आविष्कारों के क्षेत्र में उनके शोध से न केवल देश को फायदा पहुंचाया बल्कि बाकी दुनिया ने भी इससे लाभ उठाया। उन्होंने अपने आविष्कारों से हमें गौरवान्वित कराया है | भारत निर्माण में चिकित्सा विज्ञान की भूमिका भूमिका रही है एक समय था जब महामारी जैसी बीमारियां फैल रही तब चिकित्सा विज्ञान के द्वारा कई बीमारियों निवारण रोकथाम के लिए दवा और उपकरण की खोज कर ली गईं चिकित्सा उपचार के आभाव में हमने अपने परिवार की सदस्यों को खो दिया था जिससे परिवार के सदस्यों को गहरा सदमा लगा। इन घातक बीमारियों के कारण हमने कई बच्चों, कई युवा प्रतिभाशाली व्यक्तियों और कई स्थापित व्यवसायियों को खो दिया है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने हमारे लिए बहुत सुविधाएं प्रदान की हैं। आज कई असाध्य बीमारियों का इलाज मामूली गोलियों से हो जाता है। कैंसर और एड्सस जैसे बीमारियों के लिए डॉक्टर्स और चिकित्साविशेषज्ञ लगातार प्रयासरत हैं। नई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है। अनेक भिन्न-भिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों को उपचार प्रदान करने के लिए देश के कई हिस्सों में कई अस्पतालों और नर्सिंग होम की स्थापना की गई है। इन अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने के लिए अच्छे आधारभूत निर्माण और आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की गई है। उनके पास विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम है।यद्यपि आज चिकित्सा विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है। विभिन्न रोगों का इलाज करने के लिए कई दवाइयों का आविष्कार किया गया है। पूरे विश्व में वैज्ञानिक विभिन्न पुरानी और घातक बीमारियों के इलाज के लिए नए उपचार और दवाओं की खोज और शोध में व्यस्त हैं।वर्तमान स्थिति में कोरोना नामक रोग पुरे विश्व में फैला जिसकी दवाई उपचार पूरा विश्व खोज रहा हैं | देश में पहले से ही निर्मित चिकित्सा संस्थान और कॉलेज भी हैं जो चिकित्सा पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। इन संस्थानों ने हर साल कई छात्रों को प्रशिक्षित किया है ताकि उन्हें अपने देश को रहने के लिए बेहतर जगह बनाने में मदद मिल सके। विज्ञान ने भारत के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। देश में और साथ ही दुनिया के अन्य हिस्सों में की गई वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों ने देश के विकास में मदद की है। विज्ञान चीजों को देखने का एक नया तरीका प्रदान करता है विज्ञान ने भारत के विकास और प्रगति में काफी हद तक मदद की है |
भारत के विकास में विज्ञान - प्रौद्योगिकी -
अर्थव्यवस्था सुधार व निर्माण में विज्ञान की भूमिका-
देश में अधिक से अधिक उद्योगों और व्यवसायों की स्थापना से रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। कई कुशल पेशेवरों को इन व्यवसायों में विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला है। कई लोगों को नौकरी के लिए विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। वे व्यवसायों के विकास में सहायता करते हैं जो बदले में देश के आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करता है।
निर्यात बाजार में विज्ञान की भूमिका-
देश में निर्यात बाजार को मजबूत बनाने में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वैज्ञानिक रूप से उन्नत तकनीकों और मशीनरी के कार्यान्वयन के कारण भिन्न-भिन्न वस्तुओं का उत्पादन बढ़ा है। ऐसे कई कृषि और यहां रहने वाले लोगों की आवश्यकता को पूरा करने के अलावा इन्हें अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है। संचार और परिवहन के साधनों में वृद्धि के साथ आयात और निर्यात की प्रक्रिया को सुचारू रूप दिया गया है। इससे देश के आर्थिक विकास में मदद मिली है |
बेहतर संचार में विज्ञान की भूमिका -
अगर कोई वैज्ञानिक आविष्कार है जिसका हर कोई आभारी है तो वह है संचार का साधन। इससे दुनिया भर में इस्तेमाल किए जानी वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया जासकता है इंटरनेट और मोबाइल फोन, कम्प्यूटर संचार के अन्य लागत प्रभावी माध्यमों के आविष्कार के साथ दूर-दूर के देशों में रहने वाले लोगों के साथ भाषा विचारों संवाद का आदान-प्रदान करना बहुत आसान हो गया है। वैज्ञानिक आविष्कारों ने देश के लगभग सभी क्षेत्रों के विकास में मदद की है। अन्य देशों की तरह भारत को भी इस अविष्कार से लाभ पहुंचा है। संचार के माध्यम से हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में नवीनतम तकनीकों के साथ आधुनिकतम हो गए हैं और लगातार उन प्रथाओं को अपना रहे हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को उन्नति प्रदान करने में मदद करती हैं।भारत को रहने के लिए बेहतर जगह बनाने में विज्ञान ने प्रमुख भूमिका निभायी है। इन आविष्कारों की मदद से आज लोग विभिन्न कार्यों को संभालने के लिए बेहतर तरीके से साज-सामान से युक्त हो गए हैं – चाहे वह छोटे घर के कार्य हो या बड़े परियोजना हो।
बेहतर निर्यात बाजार
एक टिप्पणी भेजें
कृपया हमारी पोस्ट पढ़कर या भविष्य में आप किस विषय पर पोस्ट चाहते है अपने अमूल्य सुझाव हमे अवश्य दे।