विज्ञान-प्रौद्योगिकी   विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नामक इस विषय-वस्तु के अन्तर्गत विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा इन दोनों के परस्पर सम्बन्धों एवं अन्तःक्रियाओं पर विचार किया जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं, विज्ञान के विकास से प्रौद्योगिकी का विकास होता है क्योंकि बहुत सारी प्रौद्योगिकियाँ वैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित होतीं हैं किसी देश का आर्थिक विकास उस देश में मौजूद तकनीकी अवस्था पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का स्तर आर्थिक वृद्धि का महत्वपूर्ण विशेषण विवरण है। वृद्धि की तीव्र दर तकनीक के उच्चस्तर द्वारा प्राप्त की जा सकती है। वास्तव में, प्रौद्योगिकी को आर्थिक विकास का आरम्भिक साधन माना जा सकता है तथा विभिन्न तकनीकी परिवर्तन अल्प विकसित देशों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं आधुनिक प्रौद्योगिकी को अनुप्रयुक्त भौतिकी माना जाता है क्योंकि प्रौद्योगिकी में भौतिकी के नियमों एवं सिद्धान्तों का उपयोग करके अनेक प्रकार के यंत्र, उपकरण एवं कार्यनीति युक्ति का निर्माण किया गया है। उनमे से कुछ इस प्रकार है -











  1.  प्रिंटिंग प्रेस - केक्सटन (1455)
  2.  बैरोमीटर -टोरिसेली (1644)
  3.  स्टीम इंजन -जैम्स वाट (1769)
  4. टेलीफोन -एलेक्जेंडर ग्राहम बैल (1876 )
  5. बॉल पेन -जान जे लाउड (1888) 
  6. जेट इंजन - सर फ्रैंक विटल (1939)

विज्ञान 

    विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान से हैं मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं के लिए जो नए-नए आविष्कार किए हैं, वे सब विज्ञान की ही देन हैं आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के अनगिनत आविष्कारों के कारण मनुष्य का जीवन पहले से अधिक आरामदायक हो गया है। दुनिया विज्ञान से ही विकसित हुई हैं।  किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी ग्रहण करना, वस्तु के बारे में विस्तृत ज्ञान और जानकारी को सही तरीकों से लागू करना एवं किसी भी वस्तु का सही अवलोकन करना एवं उसका विश्लेषण करना ही विज्ञान है  विज्ञान का इतिहास से तात्पर्य विज्ञान व वैज्ञानिक ज्ञान के ऐतिहासिक विकास के अध्ययन से है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक सिद्धांत-विधि विज्ञान का वास्तविक ज्ञान है। प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के व्यवस्थित रूप में अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने को ही विज्ञान कहा जाता है | यहाँ 'विज्ञान' के अन्तर्गत प्राकृतिक विज्ञान व सामाजिक विज्ञान दोनों सम्मिलित हैं। 

(1) समाजिक विज्ञान -

(Social science) सामाजिक विज्ञान मानव समाज का अध्ययन करने वाली विद्या विषयक है। प्राकृतिक विज्ञानों के अतिरिक्त अन्य विषयों का एक सामूहिक नाम है 'सामाजिक विज्ञान'। इसमें नवविज्ञान, पुरातत्व, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधि, भाषाविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और संचार आदि विषय सम्मिलित हैं। कभी-कभी मनोविज्ञान को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है | 

(2) प्राकृतिक विज्ञान -

प्राकृतिक विज्ञान प्रकृति और भौतिक दुनिया का सुव्यवस्थित परिचय अथवा ज्ञान है, या  फ़िर अध्ययन करने वाला   कोई साधन हैं। जिनमे प्रकति से संबंधित विषय पर चिंतन मनन और प्रकटीकरण किया जाता है वही प्रकति विज्ञान है जिस प्रकार से प्रकतिक चिकित्सा में प्रकति पर आधरित साधनो के माध्यम से  चिकित्सा की जाती हे उसी प्रकार प्रकति विज्ञान में प्रकति के रहस्यों का प्रदर्शन किया जाता हे उन पर शोध किया जाता है वह हमारे लिए किस प्रकार से उपयोगी सिद्ध हो सकते है वह जाना जाता है यह सब विषय जो है प्रकति विज्ञान में समाहित होते है  यथार्थ में विज्ञान शब्द का उपयोग लगभग हमेशा प्राकृतिक विज्ञानों के लिये ही किया जाता है। इसकी तीन मुख्य शाखाएँ हैं : -भौतिकी, रसायनविज्ञान और जीवविज्ञान।

(1) भौतिक विज्ञान -

Physicsयह विज्ञान की की ऐसी शाखा है जिसमे द्रव तथा ऊर्जा और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं के विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है। विज्ञानं प्राकतिक घटनाओ को समझने का प्रयास है  सभी संस्कृतियों के लोग विज्ञानं में योगदान देते है वैज्ञानिक ज्ञान स्थायी चरित्र हे वैज्ञानिक ज्ञान अवलोकन प्रयोगात्मक प्रमाण तर्कसंगत तर्क और संदेह पर पूरी तरह से निर्भर करता है |

(2) रसायन विज्ञान-

रसायन विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है, जिसके अन्तर्गत पदार्थो के गुण ,संघटक ,संरचना तथा उनमे होने वाले परिवर्तन का अध्ययन  किया जाता हैं रसायन विज्ञान शब्द की उत्पत्ति मिस्र के प्राचीन शब्द कीमिया (chemea) से हुई हैं , इसका मतलब काला रंग से हैं | मिस्र के लोग काली मिटटी को केमि (chemi) कहते थे और आरम्भ में रसायन विज्ञान के अध्ययन को  केमिटेकिंग (chemeteching ) कहा जाता था इसका अर्थ chemistry से  है | रसायन विज्ञान के  जनक लेवायसिये (lavoisier ) को माना जाता हैं | यह एक भौतिकविज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं,अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या उपयोग किये गये ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों  का वैज्ञानिक अध्ययन है, जिसमे पदार्थ के गुण, संगठन, संरचना और उन क्रियाओ का अध्ययन किया जाता है जिनमे पदार्थ के गुण, संगठन व संरचना में परिवर्तन आता है, रसायन विज्ञान कहलाता है। पदार्थों का संघटन परमाणु कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉनऔर न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, पदार्थविज्ञान, भौतिकीविज्ञान, खगोलविज्ञान,भू-विज्ञान ,और जीवविज्ञान को जोड़ता हैं | 

(3) जीव विज्ञान -

 जीवविज्ञान  प्राकृतिक विज्ञान की तीन विशाल शाखाओं में से एक है।  जीवविज्ञान (biology-bio )का अर्थ हैं -जीवन (life ) और logos का अर्थ (study )अध्ययन इसका अर्थ जीवन का अध्ययन ही ( biology ) कहलाता हैं | यह विज्ञान की वहा शाखा  हैं , जिसके अधीन जीवधारियों का अध्ययन किया जाता हैं | विज्ञान जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है। इस विज्ञान में हम जीवों की संरचना, कार्यों, विकास, प्रवर्तन, पहचान, वितरण एवं उनके वर्गीकरण के बारे में पढ़ते हैं। आधुनिक जीव विज्ञान एक बहुत विस्तृत-व्यापक विज्ञान    है, जीव विज्ञान  की कई  शाखाएं है, जिसके अन्तर्गत सजीवों के उत्पति वर्द्धि विकास कार्य संरचना और क्रियाओ का अध्ययन करते हैं | जिन वस्तुओं की उत्पत्ति किसी विशेष वास्तविक जातीय प्रक्रिया के फलस्वरूप होती है, जीव कहलाती हैं | जीव विज्ञान का पिता अरस्तू को मना जाता है क्योंकि उन्होंने ही पहली वार जीवों की आलोचना और आकार आकृति के आधार पर वर्गीकृत किया जिसके बाद जीवों का अध्ययन करने  में आसानी हुई | जीव विज्ञान 'बायलोजी' शब्द का प्रयोग सबसे पहले लैमार्क और ट्रविरेनस नाम के वैज्ञानिकों ने 1801 ई० में किया।

भारत के विकास में विज्ञान की भूमिका और भारतीय वैज्ञानिकों का विश्व व्यवस्था में योगदान - 

 जब हमने विकसित देशों के विभिन्न वैज्ञानिक विचारों को अपनाया तो हमारे देश को विकसित करने के लिए विज्ञान के क्षेत्र में आने पर भारतीय वैज्ञानिकों ने भी दुनिया की ओर बड़ा योगदान रहा। इनमें से कुछ वैज्ञानिक, होमी भाभा, सी.वी. रमन, सत्येंद्र नाथ बोस, मेघनाद साहा, एसएस अभ्यंकर, बीरबल साहनी, प्रसन्ना चंद्र महालनोबिस है। विज्ञान और वैज्ञानिक आविष्कारों के क्षेत्र में उनके शोध से न केवल देश को फायदा पहुंचाया  बल्कि बाकी दुनिया ने भी इससे लाभ उठाया। उन्होंने अपने आविष्कारों से हमें गौरवान्वित कराया है | भारत निर्माण में चिकित्सा विज्ञान की भूमिका भूमिका रही है  एक समय था जब महामारी जैसी बीमारियां फैल रही  तब चिकित्सा विज्ञान के द्वारा कई बीमारियों निवारण रोकथाम के लिए दवा और उपकरण  की खोज कर  ली गईं  चिकित्सा उपचार के आभाव में हमने अपने परिवार की सदस्यों को खो दिया था  जिससे  परिवार के सदस्यों को गहरा सदमा लगा। इन घातक बीमारियों के कारण हमने कई बच्चों, कई युवा प्रतिभाशाली व्यक्तियों और कई स्थापित व्यवसायियों को खो दिया है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने हमारे लिए बहुत सुविधाएं प्रदान की हैं। आज कई असाध्य बीमारियों का इलाज मामूली गोलियों से हो जाता है। कैंसर और एड्सस जैसे बीमारियों के लिए डॉक्टर्स और चिकित्साविशेषज्ञ लगातार प्रयासरत हैं। नई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है। अनेक भिन्न-भिन्न  बीमारियों से पीड़ित लोगों को उपचार प्रदान करने के लिए देश के कई हिस्सों में कई अस्पतालों और नर्सिंग होम की स्थापना की गई है। इन अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने के लिए अच्छे आधारभूत निर्माण और आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की गई है। उनके पास विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम है।यद्यपि आज चिकित्सा विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है। विभिन्न रोगों का इलाज करने के लिए कई दवाइयों का आविष्कार किया गया है। पूरे विश्व में वैज्ञानिक विभिन्न पुरानी और घातक बीमारियों के इलाज के लिए नए उपचार और दवाओं की खोज और शोध में व्यस्त हैं।वर्तमान स्थिति में कोरोना नामक रोग पुरे विश्व में फैला जिसकी  दवाई उपचार पूरा विश्व खोज रहा हैं | देश में पहले से ही निर्मित चिकित्सा संस्थान और कॉलेज भी हैं जो चिकित्सा पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। इन संस्थानों ने हर साल कई छात्रों को प्रशिक्षित किया है ताकि उन्हें अपने देश को रहने के लिए बेहतर जगह बनाने में मदद मिल सके।  विज्ञान ने भारत के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। देश में और साथ ही दुनिया के अन्य हिस्सों में की गई वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों ने देश के विकास में मदद की है। विज्ञान चीजों को देखने का एक नया तरीका प्रदान करता है विज्ञान ने भारत के विकास और प्रगति में काफी हद तक मदद की है |  

 

भारत के विकास में विज्ञान - प्रौद्योगिकी -


भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विकास-यात्रा प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होती है। भारत का अतीत ज्ञान से परिपूर्ण था और भारतीय संसार का नेतृत्व करते थे। सबसे प्राचीन वैज्ञानिक एवं तकनीकी मानवीय क्रियाकलाप मेहरगढ़ में पाये गये हैं जो अब पाकिस्तान में है। सिन्धु घाटी की सभ्यता से होते हुए यह यात्रा राज्यों एवं साम्राज्यों तक आती है। यह यात्रा मध्यकालीन भारत में भी आगे बढ़ती रही; ब्रिटिश राज में भी भारत में विज्ञान एवं तकनीकी की पर्याप्त प्रगति हुई तथा स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। सन् 2009 में चन्द्रमा पर यान भेजकर एवं वहाँ पानी की प्राप्ति का नया खोज करके इस क्षेत्र में भारत ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की है। चार शताब्दियों पूर्व प्रारंभ हुई पश्चिमी विज्ञान व प्रौद्योगिकी संबंधी क्रांति में भारत क्यों शामिल नहीं हो पाया ? इसके अनेक कारणों में मौखिक शिक्षा पद्धति, लिखित पांडुलिपियों का अभाव आदि हैं।
भूमिकारूप व्यवस्था सुधारने में विज्ञान का योगदान - 
किसी भी देश का आधारभूत संरचना  उसके विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उच्चस्तरीय वैज्ञानिक तकनीकों के कार्यान्वयन के कारण पिछले कुछ सालो से भारत के  आधारभूत संरचना में  विकास-उन्नति हुई है। परिवहन की प्रक्रिया को कम करने के लिए कई सड़कों, पुलों और फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है। अब विभिन्न स्थानों पर आने के लिए कम समय लगता है। व्यापारिक माल एकल स्थान से दूसरे जगह अब कम समय में देश के विभिन्न स्थानों पर पहुंचायां जा सकता है। ऑटोमोबाइल, जो विज्ञान का उपहार है, इस प्रक्रिया में सहायता करते हैं। इस तीव्र सुविधा के कारण देश के हर हिस्से में सब कुछ आसानी से उपलब्ध है। यातायात के साधनों से आज यात्रा करना अधिक सुविधाजनक हो गया है। आज महीनों की यात्रा दिनों में और  दिनों की यात्रा कुछ समय घंटों में पूरी हो जाती है। इतने द्रुतगति की ट्रेनें, हवाई जहाज यातायात के रूप में काम में लाए जा रहे हैं।  उपलब्ध साधनो की गति और उपलब्धता में और सुधार हो रहा है | 

अर्थव्यवस्था सुधार व निर्माण में विज्ञान की भूमिका-

ज्ञान में वृद्धि के साथ कई नए व्यवसायों कारखानों का  उदय का हुआ है। वे दिन चले गए जब भारत में लोग मुख्य रूप से हस्तशिल्प व्यवसायों और, कुटीर उद्योगों  तक ही सीमित थे। औद्योगिक क्षेत्र के विकास उद्योगों के  नए युग के वैज्ञानिक उपकरणों और मशीनरी के कारण तेजी देखी गए  है। इस प्रकार देश में औद्योगिक क्षेत्र के विकास में विज्ञान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रोजगार- व्यवसाय के अवसरों में वृद्धि-

देश में अधिक से अधिक उद्योगों और व्यवसायों की स्थापना से  रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई  है। कई कुशल पेशेवरों को इन व्यवसायों में विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला है। कई लोगों को नौकरी के लिए विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। वे व्यवसायों के विकास में सहायता करते हैं जो बदले में देश के आर्थिक विकास में सहायता  प्रदान  करता है।

निर्यात बाजार में विज्ञान की भूमिका-

देश में निर्यात बाजार को मजबूत बनाने में विज्ञान की  महत्वपूर्ण भूमिका रही  है। वैज्ञानिक रूप से उन्नत तकनीकों और मशीनरी के कार्यान्वयन के कारण भिन्न-भिन्न वस्तुओं का उत्पादन बढ़ा है। ऐसे कई कृषि और यहां रहने वाले लोगों की आवश्यकता को पूरा करने के अलावा इन्हें अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है। संचार और परिवहन के साधनों में वृद्धि के साथ आयात और निर्यात की प्रक्रिया को सुचारू रूप दिया गया है। इससे देश के आर्थिक विकास में मदद मिली है | 

 बेहतर संचार में विज्ञान की भूमिका -

  अगर कोई वैज्ञानिक आविष्कार है जिसका  हर कोई आभारी है तो वह है संचार का साधन।  इससे दुनिया भर में इस्तेमाल किए जानी वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया जासकता है इंटरनेट और मोबाइल फोन, कम्प्यूटर  संचार के अन्य लागत प्रभावी माध्यमों के आविष्कार के साथ दूर-दूर के देशों में रहने वाले लोगों के साथ भाषा विचारों संवाद का आदान-प्रदान करना बहुत आसान हो गया है। वैज्ञानिक आविष्कारों ने देश के लगभग सभी क्षेत्रों के विकास में मदद की है। अन्य देशों की तरह भारत को भी इस अविष्कार से लाभ पहुंचा है। संचार के माध्यम से हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में नवीनतम तकनीकों के साथ आधुनिकतम हो गए हैं और लगातार उन प्रथाओं को अपना रहे हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को उन्नति प्रदान करने में मदद करती हैं।भारत को रहने के लिए बेहतर जगह बनाने में विज्ञान ने प्रमुख भूमिका निभायी है।  इन आविष्कारों की मदद से आज लोग विभिन्न कार्यों को संभालने के लिए बेहतर तरीके से साज-सामान से युक्त हो गए हैं – चाहे वह छोटे घर के कार्य हो या बड़े परियोजना हो।

कृषि क्षेत्र में विज्ञान की भूमिका

वैज्ञानिक खोजों से लाभान्वित होने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र भी है। यह स्वीकार कर लिया गया है कि हमारे देश में उपयोग की जाने वाली पुरानी कृषि तकनीकें लगभग लोक-प्रसिद्ध बन गई हैं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है। शताब्दियों से हमारे देश के किसानों ने दिन और रात कड़ी मेहनत की है लेकिन अभी भी पर्याप्त नहीं कर पाए हैं। यद्यपि विज्ञान में प्रगति के साथ पिछले कुछ दशकों में इस स्थिति में सुधारआया है। भारत में कृषि क्षेत्र ने फसलों को बढ़ने और बढ़ाने के लिए नई वैज्ञानिक तकनीकों के साथ एक बड़ा सौदा लाभान्वित किया है।भारत में एक और समस्या जिसका सामना किसान कर रहे हैं वह है अनिश्चित जलवायु स्थिति। जहाँ एक वर्ष में आधिक में बारिश होती है जिससे किसी विशेष क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कारण कृत्रिम बारिश की मदद से सूखे जैसी स्थिति को अब रोका जा सकता है। इन तकनीकों में गरीब किसानों को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है तथा इसमें पैदावार कम होती है। अधिक से अधिक किसान खेती के नए वैज्ञानिक तरीकों को अपना रहे हैं। नए मिट्टी के स्वास्थ्य प्रबंधन के तरीकें, बेहतर सिंचाई सुविधाएं,  कीटनाशक ,उन्नत उर्वरक और जमीन को बोने और फसल को काटने के लिए नए उपकरण विज्ञान के सभी उपहार हैं। ये भारत में कृषि क्षेत्र के विकास में मदद कर रहे हैं। इन नई तकनीकों के उपयोग के कारण फसल उत्पादन काफी बढ़ गया है। कटाई का समय भी कम हो गया है और इस प्रक्रिया में कम श्रम की आवश्यकता है। देश में खेती के वैज्ञानिक तरीकों की शुरूआत के बाद से विभिन्न खाद्य पदार्थों के निर्यात में भी वृद्धि हुई है। इसने न केवल प्रक्रिया में शामिल किसानों, व्यापारियों और अन्य लोगों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में मदद की है बल्कि पूरे देश की भी सहायता की है। इस प्रकार विज्ञान भारत में कृषि को मजबूत बनाने में अहम् भूमिका निभाता है।

बेहतर निर्यात बाजार

नए वैज्ञानिक सूत्रों और तकनीकों ने भारत में कृषि  और साथ ही साथ औद्योगिक क्षेत्र का लाभ पहुचाया  है। बेहतर उत्पादन ने विभिन्न खाद्य वस्तुओं के निर्यात को जन्म दिया है। इसी प्रकार उन्नत उपकरणों के उपयोग से विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में मदद मिलती है जिन्हें अन्य देशों में निर्यात किया जाता है। इस प्रकार विज्ञान ने देश में निर्यात बाजार की स्थिति में सुधार लाने में मदद की है जिससे कई व्यवसायों के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिति को भी फायदा हुआ | 
जीवन शैली को अच्छा करने में विज्ञान की भूमिका-
हमारी जीवन शैली में पिछले कुछ दशको से विकास हुआ है। यह सब विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों के उपयोग के कारण है।  हमारे सभी दैनिक कार्यों में विज्ञान का उपयोग होता है, गैस स्टोव पर भोजन बनाने से लेकर रेफ्रिजरेटर में उसी भोजन को ताज़ा रखने तक -सब कुछ विज्ञान के आविष्कार हैं। हमारे नियमित जीवन में इस्तेमाल किए गए वैज्ञानिक आविष्कारों में से कुछ उदाहरणों में वॉशिंग मशीन, कार, बाइक, माइक्रो वेव ओवन, ट्यूब लाइट, बल्ब, टेलीविजन, रेडियो, कंप्यूटर और मोबाइल फोन इत्यादी हैं। इसके सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक संचार के साधनों में हुआ परिवर्तन है ये चीजें विभिन्न कार्यों को आसानी से और जल्दी से करने में सहायता करती हैं,इससे पहले लोगों के लिए अपने रिश्तेदारों और दूरदराज के देशों में रहने वाले दोस्तों तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। महत्वपूर्ण संदेशों को उन तक भेजने के लिए उन्हें पत्र भेजना पड़ता था। इन पत्रों को प्राप्तकर्ताओं तक पहुंचाने में कई दिन लग जाते थे और इसका जवाब मिलने  में भी बहुत  समय लग जाता था। टेलीफ़ोन के आविष्कार से इस समस्या को कुछ हद तक कम किया गया। आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति ने मोबाइल फोन और इंटरनेट को जन्म दिया है। दुनिया भर के लोगों के साथ बातचीत करना आसान हो गई है। ये स्रोत ज्ञान बांटने में सहायता करते हैं और देश के विकास में सहायता करते हैं।
निष्कर्ष-
वैज्ञानिक तरीकों और तकनीकों का उपयोग किए बिना हम अपने देश को उतना विकसित नहीं कर सकते थे जितना हमने आज किया है। वैज्ञानिक आविष्कारों ने देश को आर्थिक रूप से उन्नत  बनाने में मदद की है और अभी भी  जारी रखा है। इनमें से कई आविष्कार व्यवसायों को विकसित करने और लोगों की जीवन शैली को  उच्च स्तर पर पहुँचाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ घरेलू कार्यों में भी कार्यरत हैं। इससे प्रत्येक क्षेत्र विशेषकर कृषि के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।विज्ञान के क्षेत्र में विकास और प्रगति के कारण भारत को बहुत लाभ पहुंचा है। वैज्ञानिक आविष्कारों ने भारत के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। 

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