नमस्ते दोस्तों जैसा कि मेरा ब्लॉग एजुकेशनल हैं जिसके अंतगर्त में स्टडी में हेल्प , एग्जाम , जॉब इत्यादि में आपको सहायता मिले इस तरह के ब्लॉग लिखती हूँ मेरी कोशिश रहेगी की आप को पूरी तरह से संतुष्टि प्राप्त हो मेरे ब्लॉग से ,आज का विषय कम्प्यूटर हैं जिसमे आपको कम्प्यूटर की उत्त्पति ,विशेषताओ ,जेनेरशन ,कम्प्यूटर का उपयोग के बारे ब्लॉग लिखा गया हैं आगे भी इस विषय पर लिखती रहूंगी |
कम्प्यूटर का परिचय-
कम्प्यूटर पिछली सदी की एक महानतम खोज है ,आज का युग कम्प्यूटर का युग है | आधुनिक समय में तकनीकी आधार पर आज इतना ज्यादा विकिसित हो गया हैं की हमारे कोई भी काम चुटकियो में हो जाते हैं ,हमारे जीवन के प्रत्येक भाग में कम्प्यूटर का इस तरह समावेश कर चुका हैं की बड़े पैमाने पर इसका उपयोग अब अनिवार्य हो गया हैं | सबसे शक्तिशाली और उपयोगी मशीन है |आज कंप्यूटर सरल गणनाओं की तुलना में बहुत अधिक कार्य करता है जैसे कि स्कैनर दुनिया भर के ट्रैफिक सिग्नलों का प्रबंधन, स्वचालित टेलर मशीन एटीएम आदि को स्टोर करते हुए हमारे किराने के बिल की गणना कई काम करता है।आज हम देख सकते हैं कि कंप्यूटर का उपयोग लगभग हर जगह किया जाता है, डिपार्टमेंटल स्टोर बैंक रेलवे एस इंडस्ट्री स्कूल हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर आदि | कम्प्यूटर ने आज हमारे जीवन को अधिक सरल और गतिशील बना दिया हैं |
कम्प्यूटर की उत्पति कम्प्यूट शब्द हुई हैं जिसका अर्थ हैं गणना करना। पहला कंप्यूटर 1822 ई. में, ब्रिटिश गणितज्ञ और आविष्कारक चार्ल्स बैबेज 1791-1871 ने भाप से चलने वाले स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर का निर्माण किया, जिसे उन्होंने “Difference Engine” या “डिफरेंशियल इंजन” कहा । यह साधारण कैलकुलेटर से अधिक था। क्योकि सबसे पहला एनालिटिकल इंजन sussessor था diffrent engine जो आटोमेटिक मैकेनिकल कैलकुलेशन करता था और इसी परआधारित हैं आज के समय का कम्प्यूटर हैं। यह एक मशीन हैं जो अंकगणितीय कार्यों को बहुत शीघ्र उच्चगति से करता हैं जबकि वर्तमान कम्प्यूटर , प्राचीन मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर से कही ज्यादा बेहतर कार्य करते हैं। आज हम जिस यंत्र ( कम्प्यूटर ) का उपयोग इतने आसानी से कर रहे हैं इसके लिए हमारे वैज्ञानिको की वर्षो ( year )की मेहनत लगी तब जाकर आज इसका उपयोग हम दैनिक आवश्यक कार्यो में उपयोग कर पा रहे है |
जब हम कंप्यूटर को ( input data) मतलब सुचना देते हैं और कंप्यूटर इसे (prosses )संसाधित करता है और इसे ( output data ) में परिवर्तित करता है, जो उपयोगकर्ता के लिए उपयोग करने योग्य हो जाता है, तब वह सूचना (Information) होती है। अर्थात prossesed data के output को सूचना कहा जाता है। कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जो प्राप्त सुचनाओ को निर्देशो के अनुसार हल करके हमे इसका यह उत्तर प्रदान करती या परिणाम देती हैं | अर्थात कम्प्यूटर वह युक्ति अथवा मशीन हैं जिसके द्वारा ऑटोमैटिक विभिन प्रकार से संगणनाओ व् आकड़ो को संसाधित एवं संचयित किया जाता हैं |
कम्प्यूटर की प्रमुख विशेषताए -
- स्वचालित ( Automatically ): कम्प्यूटर एक ऑटोमैटिक मशीन हैं एक बार इसे अनुदेश या निर्देश दे दो फिर वह तब काम करता रहेगा कब तक की रुकने का आदेश न मिल जाये , इस तरह मानव हस्तक्षेप की जरूरत कम पड़ती हैं और समय की बचत होती हैं।
- गति (speed ) : कंप्यूटर एक उच्चत्तम गति की मशीन है! यह उन सूचनाओं को सेकंडो में कर देती जिन्हे करने के लिए मनुष्य को शायद एक वर्ष या उससे भी अधिक समय लगे ! एक प्रकार कंप्यूटर की सर्वप्रथम विशेषता इसकी गति ही है।
- शुद्धता (Accuracy ) : शुद्धतापूर्वक कार्य करना कंप्यूटर की दूसरी विशेषता हे | कंप्यूटर कार्यो में किसी प्रकार की अशुद्धता (गलती) की कोई सम्भवना नहीं होती हे और हमे यही किसी प्रकार की अशुद्धियाँ दिखाई देती है तो वे मानव निर्मित जैसे गलत सूचनाएं देना गलत प्रोगामिंग आदि हो सकती हैं, जिसे हम सुधार सकते हैं
- दृढता (consistency ): एक कंप्यूटर घंटो तक बिना थके, बिना रुके तटस्थता एवं भावना विहीन हो कार्य कर सकता है
- चपलता (versatility ): कंप्यूटर का एक महान गुण है! यह बिना किसी देरी के प्राप्त सूचनाओं के आधार पर तुरंत कोई भी परिणाम हमारे सामने पेश करने की योग्यता रखता है।
- स्मरण योग्यता ( Remembrance Power ): मानव मष्तिस्क की प्रकति भूलने वाली होती हैं एवं हम कुछ समय खास बातो को ही ध्यान रख सकते हैं जबकि इसके विपरीत कंप्यूटर की स्मरणशक्ति किसी भी स्थिति में बहुत अधिक होती है एवं कंप्यूटर में स्टोर की गयी किसी भी सुचना को बिना किसी देरी के जब चाहे देख सकते है |
- उच्च संग्रह क्षमता ( high storage capacity ) : एक कंप्यूटर सिस्टम की डाटा की संग्रहण क्षमता बहुत उच्च होती है कंप्यूटर लाखों शब्दों को बहुत कम जगह में संग्रहित करके रख सकता है यह सभी प्रकार के चित्र प्रोग्राम गेम्स तथा आवाज को कई वर्षों तक संग्रहित कर के रख सकता है हम जब चाहे उस सुचना को कुछ समय में प्राप्त कर उपयोग कर सकते हैं ।
- इन कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता बहुत कम होती थी।
- यह आकर में बहुत बड़े थे।
- इस जेनेरशन के कम्प्यूटर की भाषा मशीनी भाषा (MASHINE LANGUAGE ) थी।
- इनपुट और आउटपुट के लिए PUNCH CARD का उपयोग किया जाता था।
- प्राइमरी मेमोरी बहुत ही सीमित थी।
- इन कंप्यूटर को चलाने पर अधिक इलेक्ट्रिसिटी ऊर्जा खर्च होती थी।
- ये कंप्यूटर स्टोरेज प्रोग्राम सिद्धांत पर कार्य करते थे।
- प्राइमरी मैमोरी के लिए मैगनेटिक ड्रम का प्रयोग किया जाता था।
- प्राइमरी मैमोरी के रूप में Magnetic cores का प्रयोग किया जाता था।
- इन कम्प्यूटर में स्थाई रूप से डेटा स्टोर करने लिए Magnetic tape को प्रयोग में लाया गया था।
- ये कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कम्पूटरो से कीमत में कम थे।
- ये कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से आकर में छोटे तथा वजन में हल्के थे।
- इन पीढ़ी के कम्पूटरो में वैक्यूम ट्यूब के जगह ट्रांसिस्टर का प्रयोग किया गया था।
- इन कप्यूटर की गति पहली पीढ़ी के कंप्यूटरो की गति से कहीं अधिक थी।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा असेम्ब्ली भाषा तथा हाईलेबल भाषा थी।
- यह कंप्यूटर कीमत में कम सस्ते थे दूसरी पीढ़ी कि तुलना में।
- इंटीग्रेटेड चिप के प्रयोग का कारण आकर में काफी छोटे हो गए।
- इंटीग्रेटेड चिप के प्रयोग कारण प्राइमरी मैमोरी कपैसिटी काफी बड़ गई।
- इन कंप्यूटरो ने ट्रांसिस्टर के जगह पर सिंगल चिप का प्रयोग किया गया।
- इन कम्प्यूटर्स की डाटा प्रोसेसिंग की गति दूसरे पीढ़ी के अपेक्षा काफी तेज थी।
- इन कंप्यूटर में हाईलेबल लैंग्वेज का प्रयोग आसानी से किया जाने लगा।
- इन कंप्यूटर में VLSI का प्रयोग आंतरिक OPERATION करने के लिए किया जाने लगा।
- इन कम्प्यूटरों में MICROPROCESSOR का प्रयोग किया जाने लगा।
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर आकर में काफी छोटे हो गए ,जैसे - DESKTOP COMPUTER , LAPTOP (PC)
- इन कम्प्यूटरों की DATA प्रोसेसिंग की क्षमता तथा DATA STORAGE अधिक थी।
- इनका एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण करना आसान था।
- इनको ऑपरेट करना भी काफी आसान था।
- चतुर्थ पीढ़ी का मुख्य कंप्यूटर IBM - PC था।
इसमें बहुत ही बड़े पैमाने पर इंटीग्रेशन का उपयोग हुआ। इनमें कृतिम समझदारी का उपयोग किया गया। इन्हें मानव की तरह संवेदी व समझदार बनाया गया ताकि कंप्यूटर मनाव की तरह सोच सके समज सके और मानव की तरह काम भी क्र सके ,ये स्वयं निर्णय लेने के सक्षम हैं। ये कंप्यूटर आधुनिक कंप्यूटर हैं एवं वर्तमान में भी इनमें विकास की प्रकिया सतत जारी है। इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर प्रकार हैं -
- ULSI तकनीक ,सच्ची कृत्रिम बुद्धि का विकास।
- पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के आंतरिक ऑपरेशन Very Large Scale intergrated circuit ( VLSI ) तकनीक का प्रयोग किया गया है।
- इन कम्प्यूटरों की processing क्षमता काफी अधिक है। इनकी गति पिको सेकेंड तथा नेनो सेकंड में मापी जाती है।
- इन कम्प्यूटरों में निर्णय लेने की क्षमता है क्योकिं इनके कृतिम बुद्धिमता ( artificial intelligence ) है।
- रोबोटिक,तंत्रिका जाल,गेम खेलना,वास्तविक जीवन की स्थितियों में निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञ प्रणालियों का विकास ,प्राकृतिक भाषा की समझ
- प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण का विकास , समानांतर प्रसंस्करण में उन्नति ,सुपरकंडक्टर तकनीक में उन्नति,मल्टीमीडिया विशेषताओं के साथ अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस,सस्ती दरों पर बहुत शक्तिशाली और कॉम्पैक्ट कंप्यूटर की उपलब्धता।
- इस generation में मुख्य कंप्यूटर super computer तथा robotes आदि हैं।
कम्प्यूटर का उपयोग -
* कार्यालय \व्यावसायिक (office-business ) :
* प्रकाशन एवं मुद्रण ( Publishing & Printing ) डीटीपी ):
* डेटाबेस प्रबंधन ( Database Management ):
* शिक्षा ( Education ):
* बैंक ( Banking ):
*संचार एवं प्रसारण ( Communication & Broadcasting ):
* केड ( Computer Aided Design );
* चिकित्सा क्षेत्र में कंप्यूटर ( Computer in Medical Field ):
* वैज्ञानिक कार्य व अंतरिक्ष विज्ञान और मौसम की जानकारी (Scientific work space science and weather information )
*मनोरंजन ( Entetainment ):
मल्टिमीडिया का उपयोग महत्वपूर्ण रूप से फिल्मों तथा एनीमेशन को बनाने के लिए किया जा रहा है। कम्प्यूटर आज सबसे अधिक मनोंरजन करने वाले यंत्रो में एक हैं। यदि शिक्षित वर्ग में मतगणना करवाया जाए, तो मुझे लगता हैं कि लोगों का बहुमत कम्प्यूटरों को मनोरंजन के मुख्य के रूप में मत जाएगा। फिल्म-उघोग में कम्प्यूटर से चलचित्रों में अनेक फोटोग्राफिक प्रभाव, संगीत प्रभाव, एक्शन प्रभाव आदि को उत्पन्न किया जाता हैं। कम्प्यूटर में मल्टीमीडिया (Multimedia) तकनीक की सुविधा से काल्पनिक दृश्य भी जीवं-से लगते हैं। जैसे- 3डी स्टूडियो मैक्स (3 डी Studio Max) आदि की मदद से किया जाता हैं ।संगीतकार (Musicians) एक कम्प्यूटर जिसे इलेक्ट्रॉनिक सिंथेसाइजर (Electronic Synthsizer) कहते हैं, को काम में लेते हैं। यह आवाज रिकॉर्ड करता हैं तथा पुरानी धुनों को मेमोरी (Memory) में भी देता हैं। कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न वाह्ययंत्रों की धुनें कृत्रिम रूप से तैयार की जा सकती हैं। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कम्प्यूटर आज एक बड़ा मनोरंजन का साधन है।
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